गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 20 जुलाई 2017, at 07:59
सङ्कल्प-सौन्दर्य / केदारमान व्यथित
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
केदारमान व्यथित
»
अग्निशृङ्गार
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
माटाका एक सय छपन्नै प्यालामा
घाम नभरियुञ्जेल
सूर्य निचोरिरहन्छु म ।