सच्चाई को गायेंगे,
सरमद शीश कटायेंगे।
तुम झंझाएँ बुलवा लो,
हम फिर दीप जलायेंगे।
सुख-दुख फेरीवाले हैं,
ये आयेंगे जायेंगे।
वर्जित फल है इश्क़ इसे,
हिम्मतवर ही खायेंगे।
मत छापो अख़बारों में,
हम दिल पे छप जायेंगे।
सच्चाई को गायेंगे,
सरमद शीश कटायेंगे।
तुम झंझाएँ बुलवा लो,
हम फिर दीप जलायेंगे।
सुख-दुख फेरीवाले हैं,
ये आयेंगे जायेंगे।
वर्जित फल है इश्क़ इसे,
हिम्मतवर ही खायेंगे।
मत छापो अख़बारों में,
हम दिल पे छप जायेंगे।