साईं सांचो मीत वहि जो कपास सम होहि।
रक्षा करै तनु आय भर जियत न छोड़ै तोहि।।
जियत न छोड़ै तोहि मरे पर साथहिं जावै।
सड़ै मृतक तन तोर संग तोरे सड़ जावै।।
रहमान मीत ह्वै धन हरै विपति में जाय पराई।
अस सुमित्र से श्वान भल रहै द्वार पर साईं।।
साईं सांचो मीत वहि जो कपास सम होहि।
रक्षा करै तनु आय भर जियत न छोड़ै तोहि।।
जियत न छोड़ै तोहि मरे पर साथहिं जावै।
सड़ै मृतक तन तोर संग तोरे सड़ जावै।।
रहमान मीत ह्वै धन हरै विपति में जाय पराई।
अस सुमित्र से श्वान भल रहै द्वार पर साईं।।