काँपते हाथों से
मैं जहाँ लिखूँगा
प्यार
वहाँ कमल पत्र खिल जाएगा
एक दिन
भीतर जन्म लेते
उमड़ते नादानुरागी
सागर की लहरियों पर तिरकर
एक दिन,वह सच हो जाएगा
सच!
मुझे मालूम नहीं था
काँपते हाथों से
मैं जहाँ लिखूँगा
प्यार
वहाँ कमल पत्र खिल जाएगा
एक दिन
भीतर जन्म लेते
उमड़ते नादानुरागी
सागर की लहरियों पर तिरकर
एक दिन,वह सच हो जाएगा
सच!
मुझे मालूम नहीं था