काम अगर सरकारी छै
समय-खपत लाचारी छै
जनता के सेवक आबे
बडका ठो व्यापारी छै
भ्रष्टाचार के दलदल मेॅ
घूस आम बेमारी छै
सम्मानोॅ के चाहत मेॅ
कवि सच्चा दरवारी छै
'महादेव' धीरे बोलोॅ
सच पेॅ संकट भारी छै
काम अगर सरकारी छै
समय-खपत लाचारी छै
जनता के सेवक आबे
बडका ठो व्यापारी छै
भ्रष्टाचार के दलदल मेॅ
घूस आम बेमारी छै
सम्मानोॅ के चाहत मेॅ
कवि सच्चा दरवारी छै
'महादेव' धीरे बोलोॅ
सच पेॅ संकट भारी छै