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सजन बड़ा रे बईमान है / निमाड़ी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

    सजन बड़ा रे बईमान है,
    दगा दिया परदेशी

(१) काया जीव से कह रही,
    सुन ले प्राण अधार
    लागी लगन पिया मत तोड़ो
    मैं तो तेरे पास...
    सजन बड़ा रे...

(२) जीव काया से कह रही,
    सुण ले काया मेरी बात
    अष्ट पहेर दिन रेन के
    प्रित बाळ पणा की...
    सजन बड़ा रे...

(३) तुम राजा हम नग्र है,
    फिरी गई राम दुवाई
    तुम तो पुरुष हम कामनी
    कीस मद मे रहते...
    सजन बड़ा रे...

(४) मैं पंछी परदेस का,
    मेरी मत कर आस
    देख तमाशा संसार का
    दुजो करो घर बार...
    सजन बड़ा रे...

(५) चार दिन का खेलणा,
    खेलो संग साथ
    मनरंग स्वामी यो कहे
    मेरी मत कर आस...
    सजन बड़ा रे...