Last modified on 27 सितम्बर 2010, at 21:26

सड़क-छ: / ओम पुरोहित ‘कागद’

नदी ने
कर दिया था
बरसों
पहले बंद
बीच से बह कर
पार जाना
गांव का
मगर
न जाने
कहां से आई
कब आई सड़क
और
नदी के सीने पर
रैंगती हुई
ले गई
दूर
बहुत दूर
गांव को।