मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सती गै मलीनियाँ
केना कऽ सुतल छै भगति गै
महुरा के जंगलबामे
आ केना कऽ सुतल छै गै भगति
महुरा जंगलबामे ने गय।
आब तेकरे आइ करणमा मलीनियाँ गै
रने-बने रटै छै
आ तकरे करणना मलीनियाँ
रने-बने रटै छै ने गय।
सती गै मलीनियाँ
केना कऽ सुतल छै भगति गै
महुरा के जंगलबामे
आ केना कऽ सुतल छै गै भगति
महुरा जंगलबामे ने गय।
आब तेकरे आइ करणमा मलीनियाँ गै
रने-बने रटै छै
आ तकरे करणना मलीनियाँ
रने-बने रटै छै ने गय।