कुमार विश्वास जी की लय पर 'कोई दीवाना केहता है'
समुंद्र शान्त है बैथ,ये लेह्रे चुप नही बैथी ये आखे देख सक्ती है, ये आंशु घूर नही सक्ता
मुझे धोखा मिला है प्यार मैं तो कोई फर्क़ नही पद्ता ये दिल अब धद्क्ता ही है इसे कोई रोक नही सक्ता.
कुमार विश्वास जी की लय पर 'कोई दीवाना केहता है'
समुंद्र शान्त है बैथ,ये लेह्रे चुप नही बैथी ये आखे देख सक्ती है, ये आंशु घूर नही सक्ता
मुझे धोखा मिला है प्यार मैं तो कोई फर्क़ नही पद्ता ये दिल अब धद्क्ता ही है इसे कोई रोक नही सक्ता.