मान्य लीना नियाज जी, कविता कोश सम्मान मिलने पर आपके द्नारा प्रेषित शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। जिस गति से आप कविता कोश में सहयोग कर रही हैं निश्चय ही आपको भी यह सम्मान शीघ्र मिलेगा। मेरी कविताओं के प्रति आपने जो उत्कंठा प्रदर्शित की है उसके लिए भी मैं आपका आभारी हूँ। मैं यथाशीघ्र अपनी कुछ कविताएँ कविता कोश टीम को भेजूँगा। मैंने 1975 के आसपास कविताएँ लिखना शुरू किया था। कुछ अच्छे पत्र पत्रिकाओं में वे प्रकाशित भी हुईं। किन्तु 1983 में मेरे तबादले के दौरान मेरी अधिकाँश प्रकाशित-अप्रकाशित रचनाएँ खो गयीं। इसके बाद में लम्बे समय तक लेखन के प्रति उदासीन रहा। अभी कुछ वर्षों से पुनः लेखन शुरू किया है। किन्तु अपनी रचनाओं के प्रति स्वयं ही आश्वस्त नहीं होने के कारण प्रकाशनार्थ नहीं भेजीं। मैं मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले का निवासी हूँ। विष्णु खरे जी, लीलाधर मंडलोई एवं मोहन डहेरिया भी यहीं से हैं इसीलिए इन सभी से मेरे आत्मीय संबंध हैं। अभी कुछ देर पहले ही विष्णु खरे जी का फोन आया था, वे आज ही छिन्दवाड़ा आये हैं। आज शाम उनसे भेंट करने जा रहा हूँ।
- कविता कोश में जो भी सदस्य सहयोग कर रहे हैं मैं समझता हूँ उनमें अधिकाँश रचनाकार होंगे, इनमें आप भी शामिल हैं। अतः मैं भी आपकी रचनाएँ कविता कोश पर देखना चाहूँगा।'''हेमेन्द्र कुमार राय'''17:00(भारतीय समय) 7 जुलाई 07