भाई मणि गुप्ता जी, आपने धीरेन्द्र अस्थाना जी की ग़ज़लें कविता कोश में जोड़ी हैं। इसके लिए आपके आभारी हैं हम। लेकिन उन ग़ज़लों को जोड़ते हुए कृपया आप उनकी प्रूफ़-रीडिंग भी कर लिया कीजिए। ग़लतियों के साथ रचनाएँ जोड़ने से कविता कोश में कूड़ा बढ़ता ही है। अगर प्रूफ़ रीडिंग करके यानी कूड़ा साफ़ करके कविताएँ जोड़ें तो यह पाठकों के और कविताकोश के भी हित में होगा। ख़ासकर जब रचनाओं के शीर्षक में ही ग़लती हो तो यह बहुत भद्दा लगता है। आशा है, मेरी इस बात को आप अन्यथा नहीं लेंगे और आगे से प्रूफ़-रीडिंग करके रचनाएँ जोड़ेंगे। सादर अनिल जनविजय--अनिल जनविजय (talk) 18:53, 27 फ़रवरी 2014 (IST)