जीवन भर संघर्ष करते रहने वालों के लिए
सबसे सुन्दर चीज़ है
सफ़र के अन्त में खड़े होकर स्वीकार करना:
हमारा अटूट भरोसा था लोगों में...और जीवन में..
और न जीवन ने...और न ही लोगों ने..
कभी हमें निराश किया...नीचा दिखाया।
यही एक ढंग है जिससे
मर्द बनते हैं मर्द
और औरतें बनती हैं औरतें
लड़ते हुए दिन और रात अनथक
लोगों की..और जीवन की खातिर।
जब पूरी कर लेती हैं
यात्रा ये जिन्दगियाँ
तो लोग-बाग धीरे से खोलते हैं द्वार
और उतर जाते हैं
नदी की अतल गहराइयों में
एक-एक सीढ़ी नापते नापते
सदा-सदा के लिए.
पर इस प्रकार वे तिरोहित नहीं होते
बल्कि दूर से दिखती रहने वाली लौ जैसा
नया रूप धर लेते हैं
और जीवित रहते हैं सदा सर्वदा
लोगों के दिलों में
नज़ीर बन कर।
जीवन भर संघर्ष करते रहने वालों के लिए
सबसे सुन्दर चीज़ है
सफ़र के अन्त में खड़े होकर स्वीकार करना —
हमारा अटूट भरोसा था लोगों में...और जीवन में..
और न जीवन ने...और न ही लोगों ने..
कभी हमें निराश किया...नीचा दिखाया।
अँग्रेज़ी से अनुवाद — यादवेन्द्र