उत्तर में एक तारा
आधे आसमान तक
कत्थई प्राचीर-सी
रेखा
गहराती संध्या की
पच्छिम की दीप्त लालिमा से
अदृश्य कोई पक्षी
फेंकता है चीख़
कमन्द-सी
परकोटे पर ।
उत्तर में एक तारा
आधे आसमान तक
कत्थई प्राचीर-सी
रेखा
गहराती संध्या की
पच्छिम की दीप्त लालिमा से
अदृश्य कोई पक्षी
फेंकता है चीख़
कमन्द-सी
परकोटे पर ।