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सपने-2 / रमेश रंजक

सपने !
जो आदमी के
दिलोदिमाग में चौकस होते हैं
सोने नहीं देते उसे पूरी नींद ।

दर‍असल —
हौसले की छाती में ही
पलता है कोई सपना
सपना जितना बड़ा होता है
आदमी उतना ही खरा
खरे आदमी से
कोई खतरा नहीं होता
                  किसी के लिए
सपने भटकते रहते हैं शायद
                  उसी के लिए ।