Last modified on 15 सितम्बर 2011, at 11:05

सपने-3 / सुरेश सेन नि‍शांत

बहुत चालाक थे आतताई
कहीं भी नहीं लगने दिया उन्होंने

शहर के किसी भी चौराहे पर
कोई चेतावनी पट्ट

कि सपनों की भ्रूण-हत्या अपराध है