Last modified on 3 अप्रैल 2014, at 11:37

सपने और प्रेम-१ / रंजना जायसवाल

किसी ने कहा
सपनों का मर जाना खतरनाक है
तुमने कहा - प्रेम करना
मैं करती रही प्रेम
बिना जाने तुम्हारा मन
मैंने कोशिश की जितनी
पास आने की
उतने ही दूर हुए तुम
तुमने बढ़ाई दूरी जितनी
करीब हुई मैं
तुम जग रहे थे
इसलिए नहीं देख सके सपना
मैं सपने में थी
जग न सकी
दोनों ने नहीं जाना वह
जो जानना कभी खतरनाक नहीं होता