हजारों के बीच
अपने -आप को तलाशते जाना
कितना अजीब है
अजीब है कितना
पा लेने पर सोचना कि
जिसकी तलाश थी
वह मैं नहीं तुम थे
तुम
हजारों के बीच
अपने -आप को तलाशते जाना
कितना अजीब है
अजीब है कितना
पा लेने पर सोचना कि
जिसकी तलाश थी
वह मैं नहीं तुम थे
तुम