Last modified on 23 मार्च 2013, at 13:09

सपनों के फ़ाहे / अनीता कपूर

कल रात नींद मेरी
कुछ जख्मी हो गयी थी
चलूँ, आज रात सपनों के
कुछ फ़ाहे और पैबंद लगा दूँ