सांप दिखाता गली गली।
अपना वह अब्बास अली॥
कैसा अजब सपेरा है।
सब पर जादू फेरा है॥
बीन बजाता है इठलाता।
खोल पिटारा दिखलाता॥
सांप देख हम डर जाते।
बस चुपके से घर जाते॥
सांप दिखाता गली गली।
अपना वह अब्बास अली॥
कैसा अजब सपेरा है।
सब पर जादू फेरा है॥
बीन बजाता है इठलाता।
खोल पिटारा दिखलाता॥
सांप देख हम डर जाते।
बस चुपके से घर जाते॥