सफलताक शिखर / कस्तूरी झा ‘कोकिल’

गुलाबक फूल,
तोड़बाक हैतु,
हाथ बढ़ैबै तऽ
आँगुर में काँट
अवश्ये चूमत।
सफलताक शिखर
पहुँचबाक लेल
मुसीबत क पहाड़
पार करैइए पड़त।

-28.05.1985

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.