Last modified on 12 अक्टूबर 2011, at 13:35

सफ़ेद संगमरमर का सपना / मधुप मोहता


मैं जानता हूं, अनगिनत
अनजान चेहरों को,
जो प्यार करना चाहते हैं।
जिनके दर्द में छिपा है एक जोश, बेलगाम
और सपने,
संगमरमर और इस समय के
और पत्थरों के।

मैं जानता हूं अनगिनत औरतों को, प्यार के काबिल,
हर एक
सफेद संगमरमर और इस समय के
और पत्थरों में
गढ़े सपने की मां।
मैं जानता हूं प्यार जताने के कई तरीके हैं,
रिवाज और कई रास्ते।

मैं जानता हूं
सफेद संगमरमर और इस समय के
और पत्थरों में,
गढ़े सपनों के एक देश को।
प्यार जताने के कई तरीके हैं,
रिवाज और कई रास्ते।
मैं तुम्हें चाहता हूं,
और सफेद संगमरमर और इस समय के
और पत्थरों में,
गढ़े सपने देखता हूं।

मैं जानता हूं, कई तरीके हैं,
रिवाज, और कई रास्ते।
सफेद संगमरमर और इस समय के
और पत्थरों में प्यार जताने के।
मै जानता हूं तुम सिर्फ,
सफेद संगमरमर में गढ़ा एक सपना हो।
और मैं कभी, कहीं, इस समय के
और पत्थरों के
बीच जागूंगा।