Last modified on 21 मई 2011, at 04:15

सबके पास हैं शब्द / नवनीत पाण्डे

उसके मूंह से निकला
सही समय और अवसर पर
एक शब्द
सबने कहा वाह!
क्या कविता है?
सबके पास हैं शब्द
पर कितनों के शब्द
बन पाते हैं कविता...