बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
सबसें बौलौ रस की बानी,
कौन बड़ी जिन्दगानी,
येई बानी गजरा पेरावैं
येई उतारै पानी।
येई नरक की खानी
येई बानी बेकुन्ठ दिखावै।
ईसुर चले बैकुन्ठ घाम खाँ,
करके नाम निसानी॥
सबसें बौलौ रस की बानी,
कौन बड़ी जिन्दगानी,
येई बानी गजरा पेरावैं
येई उतारै पानी।
येई नरक की खानी
येई बानी बेकुन्ठ दिखावै।
ईसुर चले बैकुन्ठ घाम खाँ,
करके नाम निसानी॥