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सबसे बड़ा सवाल / शशि सहगल

अब सभी जीवन-दर्शन
धुँधला गये हैं
अर्थ-दर्शन के सामने।
सभी सच्चाईयों को तोड़ दिया है
अर्थ की सच्चाई ने
और
सब सवालों से बड़ा सवाल
हो गया है/अर्थ का।