सब कुछ उखड़े बिखरे
पतझड़ के मौसम में
तुम्हारी याद
बसंत का गुलाल
राख का ढेर बनती
इस जिन्दगी में
तुम्हारा चेहरा
सिगनल
उम्मीदों से भरी
एक नयी शुरूआत का
सब कुछ उखड़े बिखरे
पतझड़ के मौसम में
तुम्हारी याद
बसंत का गुलाल
राख का ढेर बनती
इस जिन्दगी में
तुम्हारा चेहरा
सिगनल
उम्मीदों से भरी
एक नयी शुरूआत का