मेरे हिस्से का दु:ख
तुम्हारी तनी हुई
मुठ्ठियों से झरा
या फिसला
मेरे कन्धे सहलाती
तुम्हारी हथेलियों से
क्या फ़र्क पड़ता है
***
मेरे झेलने की पीड़ा को
रत्ती भर बढ़ाता-घटाता नहीं
तुन्हारे चेहरे या ज़बान का
खुरदरा या लिजलिजा
कोई पाखंड
मेरे हिस्से का दु:ख
तुम्हारी तनी हुई
मुठ्ठियों से झरा
या फिसला
मेरे कन्धे सहलाती
तुम्हारी हथेलियों से
क्या फ़र्क पड़ता है
***
मेरे झेलने की पीड़ा को
रत्ती भर बढ़ाता-घटाता नहीं
तुन्हारे चेहरे या ज़बान का
खुरदरा या लिजलिजा
कोई पाखंड