धरती के शरीर में
शिराओं की तरह ...
बहती नदियों में
बहता हुआ जल
शिराओं का लोहू है ।
नदियाँ सभ्यताओं की जननी हैं
उनके बहते हुए जल में
सभ्यताओं के गुणसूत्रों का संचरण होता हैं !
धरती पर एक भी नदी
कभी सूखे नहीं
और न ही कोई नदी दूषित हो
नदियों के पानी का दूषित होना
सभ्यताओं के गुणसूत्रों का संक्रमण है !
नदियों के दूषित हो रहे पानी से
सभ्यताओं के गुणसूत्र संक्रमित हो रहे हैं !