Last modified on 30 जून 2007, at 13:22

समकालीन / गोरख पाण्डेय


कहीं चीख उठी है अभी

कहीं नाच शुरू हुआ है अभी

कहीं बच्चा हुआ है अभी

कहीं फ़ौजें चल पड़ी हैं अभी ।


(रचनाकाल : 1981)