गहरे होते हैं
समय के घाव
नहीं मिटते डिटर्जेंट से
नहीं मिटते साबुन से
समय के घाव
होते हैं अनमिट
बेमाता के लेख की तरह।
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा
गहरे होते हैं
समय के घाव
नहीं मिटते डिटर्जेंट से
नहीं मिटते साबुन से
समय के घाव
होते हैं अनमिट
बेमाता के लेख की तरह।
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा