मैं समय हूँ साहब
मैं रूकता नही
थमता नहीं
उड़ जाता हूँ फूर्रर्रर्रर्र से
मुझे ढूँढते हो
पकड़ने की करते हो कोशिश
पर पकड़ पाते नहीं
सुनो इक बात राज की
मै मिलूंगा
माँ की लोरी में
दोस्तों की आँखमिचोली में
आंगन की धूप में
प्रेमिका के रूप में
जब जब ठहरोगे इनमें
पाओगे मुझको।