कुत्ते को घास खाते
गाय को हड्डी चबाते
देखा मैंने
आज शाम
कूड़ाघर के पास
भूख के सिर बंधेगा परिवर्तन का सेहरा
कैसा-कैसा होता जा रहा
समय का चेहरा...
रचनाकाल : 14 जून 1993, नई दिल्ली
कुत्ते को घास खाते
गाय को हड्डी चबाते
देखा मैंने
आज शाम
कूड़ाघर के पास
भूख के सिर बंधेगा परिवर्तन का सेहरा
कैसा-कैसा होता जा रहा
समय का चेहरा...
रचनाकाल : 14 जून 1993, नई दिल्ली