बूंदों को अभिमान है
कि बूंद-बूंद मिल कर समुद्र बना है
किसी नदी को जिद होती है
समुद्र पर अपना नाम थोपने की
जो तीन में न तेरह में
वे जरा-जरा से गागर चिल्ला रहे हैं
कि उन्होंने गागर में सागर भर लिया है
बूंदों को अभिमान है
कि बूंद-बूंद मिल कर समुद्र बना है
किसी नदी को जिद होती है
समुद्र पर अपना नाम थोपने की
जो तीन में न तेरह में
वे जरा-जरा से गागर चिल्ला रहे हैं
कि उन्होंने गागर में सागर भर लिया है