भूखे को रोटी मिले, प्यासे को पानी मिले।
ठूँठ हो चुके जो पेड़, उन्हें भी जवानी मिले।
विनती है यही ओ प्रभु! हो जाए जीवन वसन्त।
दिलों में बारूद नहीं, गुलाल हो,सरसों खिले।
भूखे को रोटी मिले, प्यासे को पानी मिले।
ठूँठ हो चुके जो पेड़, उन्हें भी जवानी मिले।
विनती है यही ओ प्रभु! हो जाए जीवन वसन्त।
दिलों में बारूद नहीं, गुलाल हो,सरसों खिले।