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सलापड़ / तुलसी रमण

पर कटे पर्वत का
बींध कर उदर
पानी से पानी मिला
घाटी से घाटी

मानसरोवर में जा डूबा
        व्यास कुण्ड
शतुद्र से जा गले मिली
         वत्सला विपाशा

मस्तिष्क के विस्तार में
आदमी के हाथों ने
भविष्य के लिए रचा है
                  एक और पुराण।
(पाँच नवम्बर 1990 मण्डी से मनाली जाते हुए)