फेसबुक पर एक स्टेटस डाला
“सवाल उठाने वालों की खैर नहीं”
उनके लोगों ने तो पहले नक्सली कहा
फिर देशद्रोही का तमगा पहनाकर
गढ़ दिया गालियों का नया शब्दकोश।
इस तरह संवादहीनता के बीच
मेरा सवाल हार गया और
पत्थरबाज़ को जीप से घसीटने वाला बहादुर कहलाया।