वो झूम-झूमकर बोलता रहा
जानते थे कि झूठ है सारी बातें
फिर भी सुनते रहे चुपचाप
बीच-बीच में फुसफुसा लेते हम आपस में।
ग्लोबल वॉर्मिंग की तरफ वह बढ़ता गया
नदियां सूखने लगीं, समंदर फैलता गया
हम सिमटते गए, घरों, दीवारों और तहखानों में।
बाहर घूम रहे हैं ट्रंप, पुतिन और मोदी
न जाने गांधी कौन था?