जन्मा उन्नाव में
मालवा में जा बसा
लखनऊ लौटा तो
नए नखत टँके दिखे
वक़्त के गरेबाँ में।
अनायास याद आई
बूढ़ी जीवन संगिनी की
जिसका सब रस लेकर
आज भी मैं छलक रहा
जन्मा उन्नाव में
मालवा में जा बसा
लखनऊ लौटा तो
नए नखत टँके दिखे
वक़्त के गरेबाँ में।
अनायास याद आई
बूढ़ी जीवन संगिनी की
जिसका सब रस लेकर
आज भी मैं छलक रहा