साँझ भइले बेरिया बिसुहेल हे, सखि सब पनिया के जाई,
बाट चलत लाज लागे।।१।।
अरे पिपरे के पात पुलइया डोले हे, जलवा में डोलत सेवार,
हमें धनि डोलत कन्हैया बिनु हे, जस डोले पुरइन पात।
हम्मे धनि डोलत कन्हैया बिनु।
चान बरन झरिया बादल, मछरी बरन महाजाल,
तिरिया बरन उहो दुनु लोचन।
घइले के ओठंगन गेडुअल, अरे बहिनी के ओठंगन भाई,
तिरिया के ओठंगन परदेसी भँवरा, परदेस रहत लुभाई।
बोहल सोन नारीं उपजे, नाहींमोती फर गइले डार
मंगले मउतिओ नाहीं मिली, बेपछ भइले भगवान।
बिनु सोनवा कइसन अभरन, बिनु पुरुखा कइसन सिंगार
बिनु भइया कइसन लइहर, बेपछ भइले भगवान।
दास कबीरा निरगुन गावे हे, संतन लेहु ना बिचारी
बहुरी न इह जगवा आइब, फिर न देखब संसार।बेपछ भइले भगवान।।