देव मैं सीस बसायो सनेह के भाल मृगम्मद बिन्दु के भाख्यो।
कंचुकी में चुपरयो करि चोवा लगाय लयो उर सो अभिलाख्यो।
लै मख्तूल गुहै गहने रस मूरतिवन्त सिंगार कै चाख्यो।
साँवरे स्याम को साँवरो रूप में नैननि में कजरा करि राख्यो॥
देव मैं सीस बसायो सनेह के भाल मृगम्मद बिन्दु के भाख्यो।
कंचुकी में चुपरयो करि चोवा लगाय लयो उर सो अभिलाख्यो।
लै मख्तूल गुहै गहने रस मूरतिवन्त सिंगार कै चाख्यो।
साँवरे स्याम को साँवरो रूप में नैननि में कजरा करि राख्यो॥