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साँसों के हस्ताक्षर / अनीता कपूर

हर एक पल पर अंकित कर दें
साँसों के हस्ताक्षर
परिवर्तन कहीं हमारे चिह्नों पर
स्याही न फेर दे
साथ ही
जिंदगी के दस्तावेज़ो पर
अमिट लिपि में अंकित कर दे
लम्हों के हस्ताक्षर
कल कहीं हमारी पीढ़ी
भुला न दे हमें ही
मिट जाने पर भी
खोजने के लिए
जीवित रहें हमारे हस्ताक्षर
कहीं हमारा इतिहास
हम तक ही सीमित न रह जाये
इसीलिये आओ
प्रकृति के कण-कण में
अपनी छवि अंकित कर दें
दुनिया की भीड़ में खुद को
शामिल न करें।
भविष्य की याद हमें स्वार्थी बना कर
आज ही पाना चाहती है
अपना अधिकार
न हम गलत है, न हमारे सिद्धांत
फिर भी
स्वार्थी कहला कर नहीं लेना चाहते
अपना अधिकार
आओ
अंकित कर दें
हर पल पर
अपनी साँसों के हस्ताक्षर