गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 23 जनवरी 2016, at 21:52
सांकळ-एक / हरि शंकर आचार्य
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
हरि शंकर आचार्य
»
मंडाण
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
ढाय दो वा भींत
जकी बणाय दियो है
एक दायरो
जिण सूं जकड़ीज्योड़ी है-
थारी हंसी-खुसी,
जोबन अर चंचलता।