कोणार्क और एजन्ता एलोरा म्हारी खूबै श्यान बढ़ावैं॥
चार मीनार कुतुब ताज महल ये च्यार चांद लगावैं॥
1
दोनूं भारत की विरासत इसतै कौण आज नाट सकैं
साहमी पड़ी दीखै सबनै कौण इस बात नै काट सकैं
जो पापी तोल घाट सकैं म्हारी संस्कृति कै बट्टा लावैं॥
2
कालिदास बाणभट्ट रवीन्द्र नाथ नै श्यान बढ़ाई सै
खुसरो ग़ालिब फिराक हुये सैं जिनकी कला सवाई सै
न्यारे-न्यारे बांटै जो इननै भारत के गछार कुहावैं॥
3
जयदेव कुमार गंधर्व भीम सेन जोशी जसराज दिये
बड़े गुलाम अली मियाँ बिस्मिल्ला खान नै कमाल किये
एक दूजे नै जो नीचा कहते वे घटियापन दिखावैं॥
4
सहगल हेमन्त मन्ना और लता गायकी मैं छागे ये
रफी नूर जहाँ नौशाद साथ मैं सब जनता नै भागे ये
रणबीर बरोने आले कान्ही ये हिन्दू मुस्लिम लखावैं॥