उस स्त्री को विरासत में मिला था
ऊँची दीवार के पार का कच्चा कुआँ
पानी और पानी के बँटवारे को
उस स्त्री ने भोगा है
माँ की मृत्यु की तरह
उसकी भेदतीं आँखें
पकड़ने लगीं हैं हर षड्यंत्र
साझे चूल्हे का तरह।
उस स्त्री को विरासत में मिला था
ऊँची दीवार के पार का कच्चा कुआँ
पानी और पानी के बँटवारे को
उस स्त्री ने भोगा है
माँ की मृत्यु की तरह
उसकी भेदतीं आँखें
पकड़ने लगीं हैं हर षड्यंत्र
साझे चूल्हे का तरह।