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साथ हो / संगीता गुप्ता


नीले आकाश को
धरती कर दे
तारों के फूलों से
गूँथे वेणी
या
उस नीली नदी में
दूर तक ...
गहरे डूब
खोज लाये
चाँद का मोती
या और कुछ ...
साथ हो वह
तो कुछ भी
असम्भव नहीं लगता