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सामान / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल

जब मेरे बच्चों को
सामान मिल गया होगा
तो उन्होंने क्या-क्या
बनाया होगा?

आह !
बाग़
आह!
फ़सलें
आह ! कमालों में कमाल
पैदा किया होगा
उन्होंने।

जब मेरे बच्चों को
सामान मिल गया होगा।

मूल पंजाबी से अनुवाद : सत्यपाल सहगल