सारे वरक़ तुम्हारे
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रचनाकार | तुफ़ैल चतुर्वेदी |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | |
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विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- अब समझौता होना है / तुफ़ैल चतुर्वेदी
- अब्र का टुकड़ा रुपहला हो गया / तुफ़ैल चतुर्वेदी
- अश्कों से आंखों का परदा टूट गया / तुफ़ैल चतुर्वेदी
- काश उससे मेरा फ़ुरकत का ही रिश्ता निकले / तुफ़ैल चतुर्वेदी
- किसी को अपना करीबी शुमार क्या करते / तुफ़ैल चतुर्वेदी
- किसी भी झील से हँसते कमल निकालता हूं / तुफ़ैल चतुर्वेदी