बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सिकिया कै डड़िया सजावा मोरे भइया
सजावा मोरे भइया
कि लइ चला कमरू के देश
राजा के सोहागवा
कमरू के देशवा चन्दन बड़ा रूखवा
चन्दन बड़ा रूखवा
कि ओही तरी जोग बिकाय
राजा के सोहागवा
अगतन अउतिउ कवनसिंह कै नातिन
कउनसिंह के नातिन
कि अब जोग गयउ बिकाय
राजा के सोहागवा
अगतन अउतिउ कवनसिंह कै धेरिया
कि अब जोग गयउ बिकाय
राजा के सोहागवा
कुछू जोग गठिया कि कुछू जोग मुठिया
कि कुछू जोग बैल लदाय
राजा के सोहागवा
सिकिया कै डड़िया सजावा मोरे भइया
सजावा मोरे भइया
कि लइ चला कमरू के देश
राजा के सोहागवा