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सिफ़त / महेन्द्र भटनागर

यह

आदमी है _
हर मुसीबत
झेल लेता है!
विरोधी ऑंधियों के
दृढ़ प्रहारों से,
विकट विपरीत धारों से
निडर बन
खेल लेता है!
उसका वेगवान् अति
गतिशील जीवन-रथ
कभी रुकता नही,
चाहे कहीं धँस जाय या फँस जाय;
अपने
बुध्दि-बल से / बाहु-बल से
वह बिना हारे-थके
अविलम्ब पार धकेल लेता है!
यह
आदमी है / संयमी है
आफ़तें सब झेल लेता है!