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सिलसिले का चेहरा / वेणु गोपाल


बेजोड़ में

झलक रहा है

सिलसिले का चेहरा


जब कि

बेजोड़ खुद क्या है


सिवाय

सिलसिले की एक कड़ी के!


इस तरह होता है स्थापित

महत्व

परम्परा का।