Last modified on 2 जुलाई 2016, at 02:51

सिवसिंगार / पतझड़ / श्रीउमेश

सावन के महिना में होतै, सिवजी के पूरा सिंगार।
रंग-बिरंगी फूलोॅ के, बेलपातोॅ के लगतै अम्बार॥
हर सोम्बार उपास करी केॅ, धरतै सिव चरनों पर ध्यान।
सिवजी खुस होतै ओकरा पर करतै ओकरोॅ सब कल्यान॥